बाल श्रम के प्रति जागरूकता को सड़क पर उतरा श्रम विभाग
चेतावनी: नाबालिग बच्चों के पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
मुजफ्फरनगर। बाल श्रम जैसी सामाजिक कुरीति को रोकने की दिशा में शुरू कवायदों के बीच शनिवार को श्रम विभाग की टीम ने अन्य विभागीय व सामाजिक संस्थाओं संग मिलकर नगर में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस बीच मुख्य व्यापारियों और दुकानदारों को बाल श्रम न कराने के लिए प्रेरित करते हुए सख्त संदेश दिया कि बाल श्रम कराना आपराधिक कृत्य है, ऐसे में किसी प्रतिष्ठान पर बाल श्रम का मामला पकड़ा, तो सख्त कार्यवाही की जायेगी।
त्यौहारी सीजन के बीच जब जिले में जीएसटी विभाग, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के साथ ही आतिशबाजी की धरपकड़ को इससे जुड़े तमाम विभाग सड़कों पर उतर गए हैं। वहीं दूसरी ओर मिशन शक्ति फेस-5 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव के आदेश पर सहायक श्रमायुक्त देवेश सिंह के मार्गदर्शन में शनिवार को बाल श्रम विरोधी जनजागरण नगर में चलाया गया। अभियान के तहत सहायक श्रमायुक्त के साथ शनिवार को जिला प्रोबेशन विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण समिति, थाना एएचटी और एक्सेस टू जस्टिस, संस्था ग्रामीण समाज विकास केंद्र की संयुक्त टीम शामिल रही। इन टीमों में शामिल अधिकारी-कर्मियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नगर के शिवचौक, रोडवेज बस स्टैंड, भगत सिंह रोड, आर्य समाज रोड आदि क्षेत्र में टीम ने जागरूकता अभियान चलाया। अभियान के तहत टीम ने स्वदेशी बूट हाउस, भगत सिंह रोड, बाटला ब्रदर्स, धार्मिक पुस्तक झांसी रानी, छोले भटूरे व रेड्डी वाले आदि प्रतिष्ठानों के सेवायोजकों को बाल श्रम न कराने के लिए हिदायत दी गई। इस दौरान श्रम प्रवर्तन अधिकारी बालेश्वर सिंह एवं शालू राणा ने कुछ बच्चों को चिन्हित करते हुए उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया। सेवायोजकों को हिदायत दी गई। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रीना पवार एवं प्रोबेशन विभाग बाल संरक्षण अधिकारी नीना त्यागी ने बताया कि ऐसे ही अभियान आगे भी निरंतर चलाए जाते रहेंगे, जिससे बच्चे शिक्षा की ओर आकर्षित रहें। अभियान में चाइल्ड हेल्पलाइन से राखी देवी, सामाजिक कार्यकर्ता पूजा रानी, थाना एएचटी से प्रभारी सर्वेश कुमार एवं टीम वी ग्रामीण समाज विकास केंद्र मुजफ्फरनगर से गौरव मलिक आदि ने लोगों को जागरूक किया।
इन्होंने बताया-
सहायक श्रमायुक्त देवेश सिंह ने बताया कि बाल श्रम निषेध अधिनियम1986 संशोधन 2016 के तहत सेवायोजकों पर जुर्माना एवं सजा का प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों से बाल श्रम नहीं कराएगा यदि ऐसा कृत्य करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।