पालिका स्ट्रीट लाइट खरीद मामले में बैठाई जांच
सभासद देवेश कौशिक की शिकायत पर ईओ ने मांगी रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर। पालिका में स्ट्रीट लाइट खरीद प्रकरण में भाजपा सभासद की गड़बड़ी की शिकायत में ईओ ने अवकाश से लौटते ही एक्शन लेकर जांच बैठा दी। इस मामले में पथ प्रकाश और लोक निर्माण विभाग से शिकायत में उठाये गये बिंदुओं पर आख्या तलब की है।
नगरपालिका परिषद् की ओर से इस बार सीमा विस्तार के तहत नवसृजित क्षेत्र में पथ प्रकाश व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए जुलाई 2024 में 1.74 करोड़ रुपये की लागत से 45-50 वॉट क्षमता में 3 हजार स्ट्रीट लाइट 130 ल्यूमिनर क्षमता की खरीदने को निविदा आमंत्रित की गई थी। इसके लिए 7 अक्टूबर की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव स्वीकृत हो गया, जिसमें 11 कंपनियों ने निविदा डाली, लेकिन शर्त के अनुसार मात्र 4 कंपनी एलईडी लाइट का सैम्पल पालिका को उपलब्ध करा पाई थी, जिनमें हैलोनिक्स व सूर्या मेक लाइट दी गई। लाइटों का परीक्षण पालिका ने अल्फा टेस्ट हाउस प्रा.लि. नई दिल्ली से कराया, जिसमें हैलोनिक्स मेक ल्यूमिनर 127.8 आया तो वहीं सूर्य मेक एलईडी लाइट का मेक 132.50 आया। इसमें 3 कंपनियों में सबसे कम दर पर लाइट देने का प्रस्ताव वाली कंपनी एसएस एंटरप्राइजेज भरतिया कालोनी नई मंडी की निविदा को स्वीकृत कर लिया था। ऐसे में ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह के अवकाश पर होने के कारण कंपनी को वर्क आॅर्डर नहीं दिया जा सका था। इसी बीच भाजपा वार्ड सभासद देवेश कौशिक ने पालिका ईओ को शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि नियमों के विपरीत प्राइवेट कंपनी से एलईडी लाइटर के ल्यूमिनर जांच कराई गई है। इसके साथ सूर्या मेक कंपनी 100 ल्यूमिनर की ही लाइट बनाती है, ऐसे में 130 ल्यूमिनर की शर्त वो कैसे पूरी कर सकती है। इसके लिए उन्होंने जांच कराने की मांग की। अब कई दिनों की छुट्टी के बाद ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह सोमवार को जैसे ही अवकाश से वापस लौट आई, तो यह मामला उनके समक्ष रखा गया।
इन्होंने कहा-
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि एलईडी लाइटों के ल्यूमिनर की जांच कराने को लेकर आई शिकायत गंभीर है और इस मामले में उनके द्वारा पथ प्रकाश प्रभारी जेई जलकल धर्मवीर सिंह को जांच सौंप दी है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग से भी मामले में आख्या मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद प्राप्त होने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही अब कार्रवाई की जाएगी।