लोकसभा चुनाव 2024 में मिली हार से मुजफ्फरनगर भाजपा कार्यकर्ता निराश
सहारनपुर मंडल की तीनों सीट हारने पर नेताओं को चिंतन की जरूरत
मुजफ्फरनगर। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशपाल बालियान ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रही विभिन्न वीडियो, पोस्टों और दैनिक अखबारों में आ रही खबरों से सभी को मालूम हो रहा है कि मुजफ्फरनगर में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के अप्रत्याशित रूप में हारने से अधिकांश लोग आश्चर्यचकित और व्यस्थित है। पिछले दो दशकों से मुजफ्फरनगर मूल रूप से भाजपा के जिले के रूप में जाना जाता रहा है। जनपद में भाजपा को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भी रहा है जिसकी गतिविधियों ने जनपद वासियों के संस्कारों और अच्छे आचरण को सामाजिक पहचान देकर सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह हम सब मानेंगे कि भाजपा शासन में जनपद में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द बढ़ा है।
आज हम सब जनपद वासियों के सामने यही बड़ा लक्ष्य रहना चाहिए कि हमारे जनपद के आवभगत वाले स्वरुप, पारस्परिक सौहार्द्र और सच को सच कहने के बेबाक अंदाज की पहचान बनी रहनी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति और सामाजिक गतिविधियों को दिशा देने वाले जिले के रूप में हमारे जनपद का योगदान कायम रहे। लोकतंत्र में यह खूबसूरती है कि उसमें सभी उत्सुकता के साथ अपने मत का प्रयोग कर जनप्रतिनिधि चुनकर राज्य अथवा केंद्र सरकार बनाने में योगदान करते हैं। चुनाव में एक की हार और एक की जीत होना निश्चित होती है, जीत हार होना तो एक सच्चाई है परंतु अधिक महत्वपूर्ण यह है कि जनता के मतों से जो भी जनप्रतिनिधि विधायक अथवा सांसद बनता है वह अपने क्षेत्र के लोगों के जनजीवन को खुशहाल और उत्तम बनाए रखने के लिए अपने कौशल और प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर क्षेत्र की बेहतरी के लिए कार्य करें! 2024 के लोकसभा चुनाव में निसंदेह भाजपा के उम्मीदवार डॉ संजीव बालियान का हारना पार्टी और पार्टी कार्यकर्ताओं दोनों के लिए बहुत ही निराशा भरा है इस हार की उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी क्योंकि जनपद की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियां भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन में एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ी जिसमें लोकदल के विधायकों, नव नियुक्त मंत्री व पार्टी पदाधिकारियो और जिले के भाजपा के प्रदेश सरकार में मंत्री एवं जिला संगठन ने चुनाव में भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी परंतु फिर भी भाजपा का हारना आश्चर्यचकित करने वाला है।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटों का बहुत बड़े नुकसान के साथ 33 के निम्न स्तर तक पहुंचना किसी भी गणना और कल्पना से परे है। इस पर स्वाभाविक रूप से केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व स्तर पर मंथन और विश्लेषण अवश्य किया जाएगा। उत्तर प्रदेश वह प्रदेश है जिसने भारतीय जनता पार्टी को 2014 में केंद्र में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मजबूत आधार और माहौल दिया। उत्तर प्रदेश में इस बड़ी हार के कारण को जानकर उसकी तह में जाना बहुत जरूरी है और जिनकी लापरवाही और गलत निर्णय से पार्टी की यह दुर्दशा हुई ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाना भी पार्टी की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है ताकि आने वाले चुनावों में वर्तमान परिपेक्ष में हार के अवसाद से उबरकर अपनी खोई लय को पाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का संगठित होकर नए उत्साह और ऊर्जा से कार्य करना बहुत जरूरी है। हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को यह स्मरण रखना होगा कि हमारी ही सरकार केंद्र में बन रही है और हमारी ही सरकार प्रदेश में है जिसके मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी है जिनकी कर्मठता और कार्य शैली का पूरा देश मुरीद है। इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें जनपद में पार्टी और संगठन के कार्यों को कमजोर नहीं होने देना है अपितु और मजबूती प्रदान करनी है साथ ही साथ जनपद के आम लोगों के दैनिक कार्यों और परेशानियों को ध्यान में रखते हुए हमें सुशासन और गरीब कल्याण पर फोकस कर गांवों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं को सबल बनाने के कार्य करते हुए मोदी जी और योगी जी के अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के संकल्प को जनपद में साकार करना है।