उत्तर प्रदेशमुजफ्फरनगर

पराली-पत्ती जलाने पर होगा दोषी पर जुर्माना व कड़ी कार्रवाई

किसानों ने फिर ठाना है पत्ती पराली जिले में नहीं जलाना है

मुजफ्फरनगर। यूपी सरकार की ओर से पराली जलाने से बढ़ते प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के जारी निर्देशों के बीच बुधवार को डीएम उमेश मिश्र ने जनपद में पराली जलने की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को सक्रिय रहने के साथ किसानों को पराली न जलाने के लिए सहयोग मांगा है। उन्होंने किसानों से कंबाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एसएमएस का प्रयोग किए जाने की बात की, ताकि पराली प्रबंधन कटाई के समय हो जाये। वहीं सुपर एसएमएस के विकल्प रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यन्त्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्टाÑ रेक, बेलर व मल्चर, पैडी स्ट्रा चॉपर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिर्वसेबुल एमबी प्लाऊ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जाये, जिससे खेत में फसल अवशेष बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सके अथवा काट कर मिट्टी में मिलाया जा सके।
डीएम उमेश मिश्र ने किसानों से आह्वान किया कि यदि कोई कम्बाईन स्वामी बिना फसल अवशेष प्रबन्धन के यथा यन्त्रों एसएमएस, स्ट्रा रीपर एवं स्ट्रा रेक, आदि उपयोग किये बिना प्रयोग करेगा, तो कड़ी कार्यवाही की जायेगी। वहीं यदि कोई किसान बिना पराली को हटाए रबी की बुवाई के समय जीरो ट्रिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, हैप्पी सीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधे बुवाई करना चाहे या डिकम्पोजर का प्रयोग कर पराली का प्रबन्धन करना चाहे तो ऐसे किसान अनिवार्य रूप से इस आशय का घोषणा पत्र उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी को देंगे कि उसने पराली नहीं जलायी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जिले में शिथिलता या संसाधन का दुरूपयोग कर पराली जलाने की घटनाएं प्रकाश में आती है तो वे अधिकृत होगें कि कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर एसएमएस लगाये जाने की अनिवार्यता में पूर्व व्यवस्था अपने स्तर पर लागू कर लें। उन्होंने कहा कि पत्ती पराली जलने की घटना की मॉनीटरिंग भारत सरकार द्वारा सेटेलाईट के माध्यम से होती है और कोई भी घटना होती है तो इसकी रिपोर्ट सीधे सेटेलाईट के माध्यम से प्रशासन को प्राप्त होती है। ऐसे में दोषी पर अर्थदंड 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रुपए 5000/ प्रति घटना, 2 एकड़ से 5 एकड़ के लिए रुपए 10000/ प्रति घटना व 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रुपए 30000/ प्रति घटना तथा विधिक कार्यवाही की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button