उद्यमियों ने उठाई प्रदूषण के कारक चिन्हित कराने की मांग
मुजफ्फरनगर। आईआईए ने बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर चिंता जाहिर करते हुए मौजूदा परिस्थिति में उद्योगों द्वारा मानकों का उपयोग करने का दावा करते हुए बढ़ते प्रदूषण के लिए उद्योगों के बजाए अन्य कारकों को इसका जिम्मेदार ठहराया। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलकर इन उद्यमियों ने समग्र योजना बनाने की मांग की।
आईआईए चैप्टर चेयरमैन पवन गोयल के मागर्दशन में सोमवार को उद्योगपतियों का एक प्रतिनिधिमंडल क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण अंकित सिंह से विभागीय कार्यालय जाकर मिला। इस दौरान अनेक मुद्दों पर वार्ता करते हुए एक ज्ञापन क्षेत्रीय अधिकारी को सौंपा। इसमें उद्यमियों ने जनपद के उद्योग और नागरिकों की ओर से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश फैक्ट्रियां तय मानकों के अनुरूप चल रही हैं और सीएक्यूएम के गत वर्ष के निर्देर्शों के अनुरूप जनरेटर लगाए हैं। पीएनजी के साथ ईंधन का उपयोग निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार किया जा रहा है, जिसका निरीक्षण भी विभिन्न विभागों द्वारा नियमित होता है। इसके बावजूद, वायु गुणवत्ता में गिरावट आना, दर्शाता है कि फैक्ट्रियों का इसमें योगदान नहीं है। उद्यमियों ने कहा कि जनपद में प्रदूषण फैलाने के दूसरे कारकों में मुख्य रूप से नागरिक व कृषि अपशिष्ट जलना, कोल्हुओं से प्रदूषण, वाहनों की अधिकता से प्रदूषण, धूल-अन्य ठोस अपशिष्ट का खराब प्रबंधन, पालिका और पंचायतों द्वारा कूड़े का सही तरह से निस्तारण न करना, निर्माण गतिविधि और सड़कों की खराब स्थिति से धूल का उड़ना शामिल है। उद्यमियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने और सभी कारणों को चिन्हित करके इन अनियंत्रित गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए जरुरी कदम उठाने की मांग करते हुए वायु गुणवत्ता के लिए एक समग्र योजना बनाए जाने की मांग की। इस दौरान पूर्व चेयरमैन विपुल भटनागर, वाइस चेयरमैन अमित गर्ग, सचिव अमित जैन, जॉइंट सेक्रेट्री उमेश गोयल, अमन गुप्ता व राहुल मित्तल मौजूद रहे।