उत्तर प्रदेशमुजफ्फरनगर

नगर पालिका की आय बढाने की चेयरपर्सन ने की कवायद तेज

निजी अस्पतालों, शराब ठेकों, होटल-बैंकट हॉल्स को बनवाना होगा लाइसेंस टैक्स विभाग में नोटिस भेजने की तैयारी, विभागों से मांगी सूची

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् द्वारा अपनी आय में बढ़ोतरी के लिए अब कुछ प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार करने वाले लोगों को लाइसेंस की जद में लाने की कवायद शुरू की है। इसके लिए पालिका इन कारोबारियों को नोटिस जारी कर लाइसेंस बनवाने के लिए कहा है, वहीं लाइसेंस न बनवाने पर इनका चालान कर जुर्माना वसूलने की तैयारी पालिका ने पूर्ण कर ली है। पालिका क्षेत्र में शुरू होने वाले इस अभियान में शराब की दुकानों, निजी अस्पतालों, होटल व बैंकटहॉल के साथ ही इंश्योरेंस कम्पनियों के कार्यालयों को भी शामिल किया है। बदली व्यवस्था के बीच अब भविष्य में पालिका क्षेत्र में बिना लाइसेंस के इनका व्यापार करना अवैध भी माना जायेगा। वार्षिक लाइसेंस नोटिस के एक माह के भीतर बनवाना होगा।
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के नेतृत्व में टैक्स विभाग की ओर से पालिका की अपनी आय बढ़ाने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों में पालिका के सीमा विस्तार के बाद पालिका में शामिल हुए नए क्षेत्रों में कर निर्धारण की कवायद शुरू कर रही है। इसके साथ अब पालिका ने वार्षिक लाइसेंस का दायरा भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत अभी तक पालिका लाइसेंस प्रक्रिया से बाहर नगरीय क्षेत्र में चल रहे नर्सिंग होग, निजी बड़े अस्पताल, छोटे क्लीनिक, शराब और बीयर की दुकान, होटल, रेस्टोरेंट और बैंकटहॉल के साथ इंश्योरेंस कंपनियों के कार्यालयों को शामिल किया जा रहा है। इसके लिए पालिका क्षेत्र में निजी अस्पतालों की सूची स्वास्थ्य विभाग और शराब दुकानों की सूची आबकारी विभाग से मांगी गयी है। पालिका के टैक्स विभाग की ओर से इन्हें नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। नोटिस के 1 माह के भीतर इन्हें पालिका से अपना वार्षिक लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि अभी तक शहरी क्षेत्र में संचालित निजी बड़े अस्पतालों व छोटे प्राइवेट क्लीनिक तथा नर्सिंग होम, शराब की दुकान, इंश्योरेंस कंपनी, होटल, रेस्टोरेंट और छोटे बड़े बैंकट हॉल लाइसेंस के दायरे से बाहर है, जबकि नियमानुसार पालिका द्वारा इन्हें पंजीकरण प्राप्त करते हुए वार्षिक लाइसेंस लेना अनिवार्य है। इसके तहत अब चेयरपर्सन के आदेश पर इन्हें लाइसेंस के दायरे में लाने का काम शुरू करते हुए नोटिस भेजे जा रहे हैं। नोटिस के एक माह के अन्दर इनको सम्बंधित प्रक्रिया पूरी करते हुए लाइसेंस बनवाना होगा, यदि लाइसेंस प्राप्त नहीं किया जाता है तो इनके खिलाफ अभियान चलाकर चालान करते हुए जुर्माना वसूली की जायेगी।

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