देव जागरण के साथ घरों में हुई विशेष पूजा-अर्चना
मंदिरों में तुलसी-शालीग्राम विवाह संग मांगलिक कार्यक्रम हुए शुरू
मुजफ्फरनगर। कार्तिक शुक्ल एकादशी, जिसे देव जागरण का पर्व माना गया है। इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु अपनी 4 माह की योगनिद्रा से जाग जाते हैं। इस पावन तिथि को देवउठनी ग्यास-देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। देवउठनी एकादशी पर चार माह से विराम लगे हुए मांगलिक कार्य इसी दिन से फिर से शुरू हो जाते हैं। इस कड़ी में देशभर के साथ जनपद व नगर मुख्यालय पर मंगलवार में देवउठनी एकादशी पर भक्तों ने प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थल को साफ कर भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए द्राक्ष, ईख, अनार, केला, सिंघाड़ा, लड्डू, पताशे, मूली और शकरकंदी आदि ऋतुफल एवं नवीन धान्य से भगवान विष्णु की पूजा की। देव उठनी एकादशी के पूजन के साथ ही मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन भी शुरू हो गया हैं।
मंगलवार को शहर में अनेक स्थानों पर देव उठनी एकादशी पर्व पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की कड़ी में गांधी कालोनी स्थित गोलोकधाम मंदिर, नई मंडी स्थित कीर्तन भवन, अवध विहार स्थित शिव मंदिर, भारत माता चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर, बलवंत सिंह बाग स्थित मंदिर, पंचमुखी स्थित तुलसा माता मंदिर, महामाई मंदिर, आनन्द भवन स्थित मंदिर, सनातन धर्म सभा भवन मंदिर, सुभाषनगर स्थित श्री शिव-शक्ति एवं शनि मंदिर समेत नगर के मौ. इन्दिरा कालोनी, ब्रह्मपुरी, साकेत, प्रेमपुरी, कृष्णापुरी समेत अनेक स्थानों पर देव उठनी एकादशी पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान आदर्श कॉलोनी समेत अन्य मंदिरों में भी तुलसी-शालीग्राम विवाह का आयोजन किया गया। इसके साथ घरों में महिलाओं ने देवताओं की पूजा-अर्चना करने के साथ सिंघाड़ा व शकरकंद का प्रसाद भोग स्वरूप भगवान को अर्पण किया।