नरेश टिकैत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा-देश का किसान आज दुखी
किसानों के मुद्दों पर जल्द ही कोई सार्थक निर्णय लेने का किया आग्रह, किसानों की जमीनी हकीकत को समझने की मांग
मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने किसानों के अनेक मुद्दों को उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी भेजी है। इसमें उन्होंने कहा कि आज किसान चौतरफा परेशानियों से घिरा हुआ है। दिल्ली आंदोलन के बाद केन्द्र सरकार ने जो वादे किये, उनको पूरा नहीं किया जा रहा है। किसानों के लिए आज चल रही नीतियों के कारण खेती घाटे का सौदा हो गया। फसलों के दाम दूसरी चीजों के अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं। भूमि का मुआवजा मांगने पर किसानों को जेल में बंद कर उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से किसानों की जमीनी हकीकत को समझते हुए नीतियां बनाने की मांग की है।
देश के किसान के मौजूदा हालात और उनकी समस्याओं को लेकर चलाये जा रहे आन्दोलन को लेकर भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनेक समस्याओं को उठाते हुए नीतियों पर भी सवाल उठाये हैं। नरेश टिकैत ने अपने पत्र में कहा कि देश की आर्थिक स्थिति में कृषि का सबसे अहम योगदान रहता है। अन्न भण्डार से लेकर गरीब की थाली तक अगर कोई अन्न पहुँचा रहा है तो वह देश का अन्नदाता है। समय-समय पर सरकारें किसान हितैषी नीतियों के निर्माण हेतु अपना सर्वस्व लगा देती है, लेकिन किसान के हित से ज्यादा उसका नुकसान अधिक हो जाता है। नीतियों का निर्माण कर रहे कृषि विशेषज्ञों को जमीनी हकीकत को समझना होगा, तब जाकर इस खेत कमाऊँ वर्ग का उ(ार हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरणसिंह जी ने कहा था कि देश की तरक्की का रास्ता खेत-खलिहानों से होकर गुजरता है। आज के दौर में देश के द्वितीय नागरिक होने के नाते उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के दर्द को समझा और उसे अपने वक्तव्य में जाहिर किया। कहा कि हम सभी किसान आज संकट के उस दौराहे पर आकर खड़े हो गये हैं, जहाँ से खेती घाटे का सौदा होती चली जा रही है। फसलों के भाव भी उसी अनुपात में बढ़ने चाहिए जिस तरीके से डीजल, पेस्टीसाईडस सहित खेती में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के मूल्य बढ़ रहे हैं। ज्यादातर बीज सरकार के द्वारा किसानों को ऐसे उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें अत्यधिक पेस्टीसाईडस का इस्तेमाल करना पड़ रहा है, जिसका बोझ किसान वहन नहीं कर पा रहा है।
नरेश टिकैत ने कहा कि जब दिल्ली का आन्दोलन स्थगित किया गया, तब से लेकर आज तक किसान एमएसपी गारंटी कानून सहित सभी किसान मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहा है। देश का यह वर्ग पिछले 10 माह से शम्भू व खनौरी बॉर्डर पर आन्दोलनरत है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 20 दिनों से आमरण अनशन पर हैं, उनका स्वास्थ्य का स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा है, जिसे लेकर हम सभी बहुत चिन्तित हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबु(नगर के किसान भूमि अधिग्रहण को लेकर अपनी जमीन का मुआवजा माँग रहें हैं। उन्हें मुआवजा न देेकर जेलों में बन्द कर दिया गया है। महिला किसानों के साथ में दुर्व्यवहार किया गया जिसने सभी की अन्तरात्मा को अन्दर से झकझोर दिया है। इस कठिनाई के दौर से गुजर रही खेती, किसानी और ग्रामीण परिवेश को बचाने के लिए आप देश के प्रधानमंत्री होने के नाते इन सभी विषयों का संज्ञान लेते हुए किसान हितों में एक उत्तम निर्णय लेने का कष्ट करें, जिससे देश का किसान आने वाले समय में खुशहाल हो सके।