उत्तर प्रदेशमुजफ्फरनगर

फर्जी एफ ईओ आवास रेनोवेशन को लेकर सभासदों ने खोला मोर्चा सभासदों ने खोला मोर्चा

ईओ आवास रेनोवेशन का टैण्डर फर्जी तरीके से लाने के आरोप, जांच कराने की उठाईमांग

मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में सभासदों ने निर्माण विभाग में फर्जी एफडीआर में जांच के बाद भी सख्त कार्यवाही नहीं होने और अब ईओ आवास पर हुए रेनोवेशन के लिए फर्जी तरीके से टैण्डर पास कराकर वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप लगाते हुए शिकायत कर निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया है। सभासदों ने मुखर होकर कहा कि यह सभी साजिश चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को वित्तीय अनिमितता में फंसाने के लिए आपसी साठगांठ से की जा रही है। उन्होंने इस प्रकरण में डीएम से मिलकर अपनी बात रखने और निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही करने की भी तैयारी की है। वहीं निर्माण विभाग के अधिकारी का कहना है कि कुछ भी नियमों के खिलाफ नहीं किया गया है। टैण्डर पूरी पारदर्शिता और नियमों के अनुसार ही लाया गया है, वो किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं।

नगरपालिका में इन दिनों निर्माण विभाग के कार्यों के टैण्डरों में फर्जी एफडीआर का मुद्दा छाया हुआ है। इस मामले में जांच बैठा दिये जाने पर कई निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं तो अनेक प्रस्तावित कार्यों के टैण्डर पूरे नहीं हो पा रहे हैं। फर्जी एफडीआर लगाने के दोषी चार ठेकेदारों के खिलाफ पालिका प्रशासन के द्वारा प्रतिबंध लगा दिये जाने के बाद भी फर्जीवाडा नहीं थम रहा है। इसी प्रकरण में जांच पूरी नहीं करने और ठेकेदारों पर गंभीर कार्यवाही नहीं करने को लेकर सभासदों ने मोर्चाबंदी कर दी है। उन्होंने कहा कि पालिका में अधिकारी और कर्मचारी चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को वित्तीय अनियमितता फंसाने की साजिश कर रहे हैं, लेकिन वो ऐसा नहीं होने देंगे। सभासद राजीव शर्मा ने अन्य सभासदों के साथ मिलकर इसको लेकर आवाज उठाई है। उन्होंने अब आरोप लगाया है कि ईओ आवास पर पिछले दिनों कराये गये रेनोवेशन के कार्य का हाल ही में प्रस्तावित 102 निर्माण कार्यों में टैण्डर निकाला गया है, हालांकि यह टैण्डर एक ही निविदा आने के कारण निरस्त कर दिया गया है। बता दें कि 23 फरवरी को 102 निर्माण कार्यों की ई निविदा मांगी गई थी। 15 मार्च को इसमें केवल 15 टैण्डर ही खुल पाये थे। बाकी निरस्त किये गये। सभासदों का आरोप है कि ईओ आवास पर रेनोवेशन का कार्य पूर्व में सम्पन्न कराया जा चुका है। इसके लिए करीब छह लाख रुपये का बजट खर्च किया गया था और टैण्डर भी हुआ था। काम पूरा होने के बाद ईओ अपने आवास में रहने भी लगी हैं, फिर अब 102 निर्माण कार्यांे के टैण्डर में ईओ आवास के रेनोवेशन में खिड़की, दरवाजे, पेंट, टाइल्स आदि निर्माण कार्य क्यों शामिल करते हुए टैण्डर निकाला गया है। इसमें केवल एक ही ठेकेदार फर्म मैसर्स गार्गी एण्टरप्राइजेज द्वारा टैण्डर डाला गया था, एकल निविदा होने के कारण यह निरस्त किया गया। अब निर्माण विभाग 85 कार्यों के रि टैण्डर में इसे सोमवार को खोलने की तैयारी में है। उन्होंने इसमें वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाते हुए जांच कराये जाने की मांग की है।
पालिका की ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि ईओ आवास रेनोवेशन का टैण्डर निकालने की जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा कुछ है तो वो इसकी जानकारी जुटायेंगी। इस प्रकरण में निर्माण विभाग के सहायक अभियंता निर्माण अखंड प्रताप सिंह का कहना है कि ईओ आवास का रेनोवेशन का कार्य बोर्ड से पारित है और इसमें टैण्डर निकाला गया है। यह कार्य बोर्ड की प्रत्याशा में कराया गया है। करीब छह लाख रुपये खर्च हुए हैं। इसका टैण्डर निकालना कोई वित्तीय अनियमितता नहीं है। एई अखंड प्रताप ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अनावश्यक रूप से अधिकारियांे को परेशान करने और दबाव बनाने के लिए शिकायत कर रहे हैं, जो फर्जी और झूठी हैं। पालिका की आपसी राजनीति का शिकार अधिकारियों को बनाया जा रहा है। बोर्ड से सभी कुछ पास है। ईओ आवास भी उस समय तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर काम कराया गया था। अब उसका टैण्डर निकाला जा रहा है। इसमें कोई भी नियम नहीं तोड़ा गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान भी अनेक काम तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर कराया जाता है।

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