पालिका अफसर की खामी उजागर, कृषि मंडी समिति पर पालिका के दो करोड़ से अधिक बकाया
राजस्व वसूली में अफसरों की अनदेखी बनी चिंता का कारण मण्डी समिति पर पालिका का बैठता है करीब 80 लाख वार्षिक
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के अफसरों की उदासीनता के चलते पालिका को राजस्व की हानि होने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे एक मामले में टैक्स की बकाया रकम वसूलने में कोई कार्यवाही नहीं हो पाने से करोड़ों रुपया लोग पालिका का दबाए बैठे हैं, ये पैसा निकाला जाये तो नगर विकास कार्यों में चार चांद लग सकते हैं। ऐसे ही एक विभाग पर पालिका के दो करोड़ रुपये से ज्यादा का टैक्स मंडी समिति में बकाया चल रहा है, लेकिन टैक्स विभाग के अफसर व कर्मी लापरवाह हैं। यह मामला पालिका चेयरपर्सन के समक्ष आया तो उन्होंने यह पैसा निकलवाने की कवायद करते हुए टैक्स विभाग को निर्देश दिए हैं।
कृषि उत्पादन मण्डी समिति नवीन मंडी स्थल कूकड़ा पर हर वर्ष पालिका हाउस व वॉटर टैक्स वसूलती है, जिसमें घरेलू और व्यवसायिक भवनों से यह टैक्स वसूलता है। इसके लिए एकमुश्त भुगतान कृषि उत्पादन मंडी समिति द्वारा किया जाता है, लेकिन बीते कई वर्षों से पालिका टैक्स को कृषि उत्पादन मंंडी समिति टुकड़ों में किये जाने से समिति पर नगर पालिका के राजस्व के रूप में करीब 2.10 करोड़ का भुगतान बकाया चल रहा है। इसे वसूलने के लिए पालिका स्तर से कोई गंभीर कदम नहीं उठाया है। इससे 2 करोड़ से अधिक राजस्व ठण्डे बस्ते में पड़ा है। इसकी जानकारी बीते दिनों चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को कुछ व्यापारियों द्वारा दी तो उन्होंने इस पर हैरत जताते हुए यह पैसा वसूलने की कवायद भी की। इसके लिए उन्होंने टैक्स विभाग को निर्देशित किया। सूत्रों के अनुसार कृषि उत्पादन मण्डी समिति द्वारा हाल ही में 20 लाख रुपये टैक्स राजस्व के रूप में पालिका को भुगतान किया है। इसके बावजूद भी दो करोड़ रुपये से अधिक बकाया मंडी समिति पर है। मंडी समिति के सूत्रों का कहना है कि पूर्व में करीब 40 लाख रुपया वार्षिक टैक्स के रूप में पालिका में भुगतान किया जाता था, लेकिन बीच में पालिका ने टैक्स बढ़ाते हुए पालिका पर डेढ़ करोड़ रुपये का बिल जारी किया तो भुगतान रूक गया। इसके बाद फिर पालिका से पांच करोड़ रुपये का बिल जारी करते हुए रकम की मांग की। इसके बाद मण्डी समिति की ओर से बिल संशोधन करते हुए टैक्स कम करने का आग्रह किया। वर्तमान में करीब 80 लाख रुपये वार्षिक टैक्स के रूप में मण्डी समिति की ओर से भुगतान किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पूरा भुगतान नहीं किया गया है। समिति सचिव कुलदीप मलिक का कहना है कि पालिका का कुछ राजस्व अभी समिति की ओर शेष है, लेकिन वो नये आये हैं और एक अगस्त को उनकी यहां पर पोस्टिंग हुई है तो इसकी पूरी जानकारी उन्हें नहीं है।
इन्होंने कहा-
पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने बताया कि जानकारी में आया कि कृषि उत्पादन मण्डी समिति नवीन मण्डी कूकड़ा पर पालिका का टैक्स के रूप में करीब 2 करोड़ से ज्यादा राजस्व बकाया है। इसके लिए टैक्स विभाग से रिपोर्ट मांगी है और अधिकारियों को इस राजस्व की वसूली के लिए प्रयास शुरू करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अपना पैसा पाने के लिए हम कृषि उत्पादन मण्डी समिति के सभापति सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को भी पत्राचार करेंगे।
पालिका कर अधीक्षक नरेश शिवालिया का कहना है कि करीब 70 लाख रुपये वार्षिक टैक्स के रूप में कृषि उत्पादन मंडी समिति का बिल बनता है। उन पर पूर्व में 1.70 करोड़ रुपये बकाया चल रहे थे, इसमें से 20 लाख रुपये पार्ट पेमेंट के रूप में जमा कराए हैं। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 का बिल अलग से बकाया चल रहा है। ऐसे में करीब 2.10 करोड़ रुपये बकाया मण्डी समिति पर है, जिसे लेकर वसूली की तैयारी की जा रही है।