जेल पहुंची बहनें, भाईयों को रक्षा सूत्र बांध रिहाई को मांगी मन्नतें
अपराध से तौबा करने का बहनों ने लिया भाईयों से संकल्प
मुजफ्फरनगर। भाई-बहन के अमिट प्रेम एवं स्रेह की डोर के रूप में माने जाने वाले रक्षाबंधन पर्व की हर ओर सोमवार को धूम रही। इस बीच प्यार के धांगे भाईयों की कलाई पर बांधने जेल में पहुंची बहनों ने भाईयों की जेल से रिहाई के लिए भगवान से मन्नत मांगने के साथ अपराध से तौबा करने का मुख्य धारा में प्रवेश के लिए भी संकल्प दोहराया। श्रावण माह की विदाई के साथ सोमवार को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जिला कारागार में निरुद्ध पुरुष बंदियों को उनकी बहनों व महिला बंदियों की उनके भाईयों ने जेल नियमों के बीच विशेष मुलाकात करते हुए इस बीच कारागार में मुलाकात स्थल पर रक्षा कवच बांधकर उनकी लंबी आयु और शीघ्र घर वापसी की मंगल कामना की। इस बीच कारागार प्रशासन ने महिलाओं के बैठने के साथ शीतल जल व बच्चों के लिए टॉफी व बिस्कुट आदि की व्यवस्था करते हुए नई सोच का आगाज किया।
सोमवार को रक्षाबंधन पर्व पर जिला कारागार परिसर में योगी सरकार की पहल पर आयोजित कार्यक्रम के बीच रक्षाबंधन के पर्व के अवसर पर अपने परिजनों से मिलने आये मुलाकातियों के लिए विशेष व्यवस्था कारागार परिसर के बाहर प्रतीक्षा स्थल पर मुलाकातियों व उनके साथ आये बच्चों को गर्मी से बचाव के लिए टेंट लगाकर उनके बैठने के लिये कुर्सी, पीने के लिए शीतल जल के साथ बच्चों को बांटने के लिए बिस्कुट व टॉफियां आदि की व्यवस्था की गयी। कारागार में निरूद्ध अपने भाईयों को राखी बांधने आई बहनों ने अपने भाईयों को सुरक्षा के बीच राखी बांधकर इस बीच अपराध को छोडकर फिर से मुख्यधारा में लौटने का संकल्प दिलाया। इस बीच भाई बहनों ने एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई। मुलाकात के दौरान सभी बंदी व बहनें भावुक दिखाई दिए। वहीं अपनी बहनों व बच्चों से मुलाकात कर बंदी भी तनाव मुक्त नजर आये। इस अवसर पर मुलाकात के लिए की गई विशेष व्यवस्था के लिए बंदियों व उनकी बहनों ने जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी एवं कारागार स्टाफ का आभार व्यक्त किया। कारागार में इस बीच जो बहनें मिलाई की पर्ची लेकर नहीं आई थी, उनकी भी मिलाई जिला कारागार में कराई गयी।
इन्होंने बताया-
कारागार व्यवस्था इंचार्ज यशवेन्द्र यादव ने बताया कि जिला कारागार में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सोमवार को कुल 1016 महिलाओं एवं 435 बच्चों ने जिला कारागार में निरुद्ध भाइयों से मुलाकात की। वहीं 5 भाईयों ने भी कारागार में निरुद्ध अपनी बंदी बहनों से राखी बंधवाई।