डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की नगर में हड़ताल हुई समाप्त
चेयरपर्सन-ईओ के बाहर होने से पालिका में नहीं हुआ भुगतान दो माह से वेतन न मिल पाने से 3 दिन से हड़ताल पर थे कर्मी
मुजफ्फरनगर। पालिका क्षेत्र को क्लीन एंड ग्रीन करने की दिशा में शुरू कवायदों के बीच पालिका संग हुए अनुबंध के आधार पर कूड़ा निस्तारण में लगी दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी की समस्या का कोई समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है। अपने ही कर्मचारियों के गुस्से का दंश झेल रही कंपनी पर इन कर्मियों ने वेतन न देने के आरोप लगाते हुए काम बंद कर दिया है जिससे नगर में कूड़े के अंबार लगने के साथ तीन दिनों से घरों से भी कूड़ा नहीं उठाया गया है। अनुबंध पालन न होने से पालिका की जांच के रडार पर चल रही कंपनी के सामने कर्मचारियों को वेतन देने की समस्या मुंह बाए हुए खड़ी है, उधर, पालिका की चेयरपर्सन के साथ ईओ भी बाहर हैं। ऐसे हालातों में कंपनी अफसरों ने किसी तरह गुरूवार को कर्मियों को एक सप्ताह का समय देने की बात की, जिस पर माना जा रहा है कि शुक्रवार सुबह फिर से नगर की गलियों में उक्त कूड़ा उठाने के लिए आवाज सुनाई दे जाए। ऐसी संभावना कंपनी के अफसरों ने जाहिर की है।
नगरपालिका परिषद क्षेत्र में फरवरी माह में शुरू हुई नई दिल्ली की एमआईटूसी कंपनी वर्तमान में अपने ही कर्मियों के विरोध से जूझ रही है। वेतन न मिलने के आरोपों से घिरे कंपनी अफसरों के बीते तीन दिनों से पसीने छूटे हुए हैं, लेकिन समस्या समाधान नहीं हो पा रहा है। इस कड़ी में बीते 3 दिनों से प्राइमरी सैक्शन में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कार्य करने वाले वाहन चालक, सुपरवाइजर और सफाई कर्मचारी भोपा रोड स्थित कंपनी दफ्तर पर आंदोलनरत है। नगर में हड़ताल पर चल रहे कर्मियों का आरोप है कि बीते दो माह से उन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है। उनका आरोप है कि कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तमाम कर्मी काम बंद हड़ताल पर हैं। ऐसे में कर्मचारियों ने कूड़ा वाहनों का चक्का जाम करने के साथ अपना वेतन दिए जाने तक काम नहीं करने की चेतावनी दी है। इस बीच कर्मियों से कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह ने एक सप्ताह में वेतन का भुगतान कराए जाने का आश्वासन देते हुए काम पर लौटने के लिए मना लिया है, जिससे शुक्रवार से फिर नगर क्षेत्र में कंपनी के कूड़ा वाहनों की आवाज फिर से सुनाई देने की उम्मीद जगी है।
इन्होंने कहा-
कंपनी सेकेंडरी प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह ने बताया कि नगर पालिका से बिल का भुगतान नहीं होने के कारण कर्मियों का वेतन लंबित हो गया है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर व नवम्बर माह का वेतन प्राइमरी सैक्शन के करीब 300 कर्मियों को नहीं मिल पाया है, जबकि सेकेंडरी प्वाइंट के डलावघरों पर कार्य करने वाले कर्मियों को कंपनी ने वेतन का भुगतान किया है, वहां पर कार्य जारी है। उन्होेंने कहा कि कर्मियों की समस्याओं को लेकर पालिका में बात की गई है, लेकिन इस बीच पालिका चेयरपर्सन व ईओ के जनपद से बाहर होने के कारण भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। संभावना है कि दिसम्बर माह के पहले सप्ताह में पालिका से भुगतान होने के बाद कर्मचारियों की वेतन समस्या समाप्त हो जाएगी।