उत्तर प्रदेशमुजफ्फरनगर

एआईटूसी ने नहीं दिया वेतन, सफाईकर्मियों ने किया चक्का जाम

कूड़ा कलेक्शन टीम कर्मियों का दो माह का वेतन बकाया चालकों ने कामबंद हड़ताल कर घेरे कंपनी अधिकारी

मुजफ्फरनगर। नगरीय क्षेत्र को क्लीन एंड ग्रीन करने की दिशा में शुरू कवायदों के बीच पूर्व में पालिका के साथ अनुबंध के आधार पर कूड़ा निस्तारण के लिए काम कर रही दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फेसीलिटी प्रा. लि. के खिलाफ कर्मचारियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अनुबंध का पालन नहीं होने से कंपनी पहले ही पालिका की जांच के रडार पर है, ऐसे में कंपनी पर कर्मचारियों को वेतन न देने के आरोपों के बीच विरोध जारी है। इन्हीं विरोधों के बीच मंगलवार को एक बार फिर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए कंपनी में लगे करीब 300 कर्मियों ने कूड़ा वाहनों का चक्का जाम करते हुए कामबंद हड़ताल कर दी। कर्मचारियों ने कंपनी के भोपा रोड स्थित दफ्तर पर प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि बीते दो माह का वेतन कंपनी नहीं दे पा रही है। उधर, कंपनी अफसरों का कहना है कि पालिका से भुगतान न होने के कारण कर्मियों का वेतन रूका है।
मंगलवार को इन्हीं हालातों के बीच दिल्ली की एमआईटूसी कंपनी के प्राइमरी सैक्शन में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कार्य करने वाले वाहन चालक, सुपरवाइजर, सफाई कर्मी भोपा रोड स्थित कंपनी दफ्तर पर पहुंचे और दो माह का वेतन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काम बंद हड़ताल कर दी। कर्मचारियों ने कूड़ा वाहनों का चक्का जाम कर दिया और वेतन दिए जाने तक काम नहीं करने की चेतावनी दी। कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह के समक्ष कर्मियों ने रोष व्यक्त करते हुए वेतन की मांग की, लेकिन वे मोबाइल फोन बंद कर वहां से गायब हो गये।

इन्होंने कहा-
कंपनी सेकेंडरी प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह ने बताया कि नगर पालिका से बिल का भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों का वेतन लम्बित हो रहा है। अक्टूबर व नवम्बर माह का वेतन प्राइमरी सैक्शन के करीब 300 कर्मियों को नहीं मिल पाया है। जबकि सेकेंडरी प्वाइंट के डलावघरों पर कार्य करने वाले कर्मियों को कंपनी ने वेतन का भुगतान किया है, वहां पर कार्य जारी है। उन्होेंने कहा कि कर्मियों की समस्याओं को लेकर पालिका प्रशासन से बात की गई है। पालिका ने 25 नवम्बर तक भुगतान का भरोसा दिलाया था, लेकिन भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है।

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